Mukhyamantri Mahila Rojgar Yojana 2025 : बिहार सरकार ने हाल ही में "मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना 2025" की शुरुआत की है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना और उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित करना है।
Mukhyamantri Mahila Rojgar Yojana 2025 के तहत हर परिवार की कम से कम एक महिला को आर्थिक सहायता दी जाएगी। शुरुआत में, सरकार महिलाओं को ₹10,000 की पहली किस्त सीधे उनके बैंक खाते में उपलब्ध कराएगी। यह राशि महिलाओं को छोटे स्तर पर अपना रोजगार शुरू करने, जैसे—दुकान खोलना, ब्यूटी पार्लर, सिलाई-कढ़ाई, डेयरी, बकरी पालन या किसी अन्य छोटे व्यवसाय की शुरुआत करने में मदद करेगी।
Mukhyamantri Mahila Rojgar Yojana 2025 की खास बात यह है कि केवल एक बार की मदद तक ही सीमित नहीं है। यदि महिला लाभार्थी छह महीने तक अच्छे ढंग से अपना काम करती है और उसका प्रदर्शन संतोषजनक पाया जाता है, तो सरकार द्वारा ₹2 लाख तक की अतिरिक्त वित्तीय सहायता भी दी जाएगी। यह सहायता या तो लोन के रूप में होगी, जिस पर सब्सिडी भी मिल सकती है, या फिर प्रत्यक्ष अनुदान के रूप में। इस योजना ने राज्य में महिलाओं को स्वरोजगार और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है।
उद्देश्य व पृष्ठभूमि
- स्वरोजगार को बढ़ावा — महिलाएं अपना व्यवसाय शुरू कर सकें।
- आर्थिक सशक्तिकरण — आत्मनिर्भरता और सुरक्षा सुनिश्चित हो।
- आंतरिक रोजगार को प्रोत्साहित करना — बिहार छोड़ने की प्रवृत्ति को कम करना
- यह योजना महिला संवाद (Mahila Samvad) के दौरान 70,000 महिला समूहों की राय से तैयार की गई, जिसमें JEEViKa के 1.4 करोड़ महिलाओं के समूह शामिल थे
योजना की खास बातें
| सुविधा | विवरण |
|---|---|
| प्रारंभिक सहायता | ₹10,000 सीधे बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से |
| अतिरिक्त सहायता | छह माह बाद व्यवसाय मूल्यांकन के आधार पर ₹2 लाख तक की ग्रांट |
| नोडल विभाग | ग्रामीण क्षेत्रों में RDD, शहरी क्षेत्रों में UDD द्वारा लागू |
| बजट अलोकेशन | वित्त वर्ष 2025–26 के लिए ₹20,000 करोड़ बिहार आपातकालीन कोष (Contingency Fund) से निर्धारित |
| मार्केट लिंकिंग | ‘हाट बाजार’ के माध्यम से महिलाओं के उत्पादों के लिए बाज़ार बनाए जाएंगे |
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पात्रता एवं शर्तें
| शर्त | विवरण |
|---|---|
| निवास | आवेदक बिहार की स्थायी निवासी होनी चाहिए। |
| उम्र | लगभग 18 से 60 वर्ष के बीच। |
| सेवानिवृत्त / सरकारी नौकरी नहीं | आवेदक या उसका पति न आयकरदाता हो, और न ही सरकारी या संविदा पद पर हों। |
| एक महिला प्रति परिवार | एक ही परिवार से एक महिला को प्रथम किस्त (₹10,000) का हक होगा। |
| स्वयं सहायता समूह (जीविका / SHG) से जुड़ाव | योजना से जुड़ने के लिए स्वयं सहायता समूह का होना ज़रूरी है; अगर अभी नहीं जुड़ी हो, तो जुड़ने की प्रक्रिया सुनिश्चित होगी। |
आवेदन प्रक्रिया
- जीविका (BRLPS) के ग्राम संगठन से जुड़ें।
- SHG सदस्यता जरूरी है।
- ग्राम संगठन के माध्यम से आवेदन पत्र भरें और दस्तावेज़ जमा करें।
- नगर निगम या नगर पंचायत की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करें।
- आवेदन के बाद दस्तावेज़ की जांच होगी।
- बैंक खाते में सीधे राशि भेजी जाएगी।
- आधार कार्ड
- बैंक पासबुक की प्रति
- पासपोर्ट साइज़ फोटो
- निवास प्रमाण पत्र
- समूह सदस्यता प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
प्रशिक्षण एवं समर्थन
- व्यवसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम — प्रशिक्षण मॉड्यूल, उद्यमिता कोचिंग, मार्केटिंग जैसी सुविधाएँ मुहैया कराई जाएंगी।
- मार्केट नेटवर्क — हाट बाज़ार और स्थानीय बाजार से सीधे जुड़ाव होगा, जिससे विपणन के रास्ते खुलेगा
योजना के फायदे
| लाभ | विवरण |
|---|---|
| आर्थिक सहायता | ₹10,000 शुरुआती सहायता और ₹2,00,000 तक अतिरिक्त फंड |
| स्वरोजगार | महिलाएँ कपड़ा, खाद्य सामग्री, सिलाई-कढ़ाई, डेयरी आदि काम शुरू कर सकती हैं |
| आत्मनिर्भरता | महिलाओं को परिवार और समाज में आर्थिक रूप से सशक्त बनाना |
| ग्रामीण विकास | गांवों में स्वरोजगार बढ़ने से स्थानीय अर्थव्यवस्था मज़बूत होगी |
| महिला समूहों की भागीदारी | SHG के माध्यम से सामूहिक उद्यम भी शुरू किए जा सकेंगे |
महिलाओं के लिए संभावित व्यवसायिक विकल्प
- डेयरी और पशुपालन – दूध उत्पादन और दुग्ध उत्पाद बेचकर आय बढ़ाना।
- हस्तशिल्प और सिलाई-कढ़ाई – कपड़े, बैग, गहनों का निर्माण।
- किराना और छोटी दुकानें – मोहल्ले और गांव में ज़रूरी सामान उपलब्ध कराना।
- खाद्य प्रसंस्करण – पापड़, अचार, बड़ियां, मिठाई आदि।
- ब्यूटी पार्लर और बुटीक – शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में लोकप्रिय विकल्प।

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